सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥ श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी भोर भी होगी क्यों डरते https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa