रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।। हे गौरी शंकरार्धांगिं! यथा त्वं शंकरप्रिया। इन्द्रजाल द्वारा पति-पत्नी के बीच अनबन को दूर करने के मंत्र गारुड तलनम वार भाषइ, लाडि भोजाइ आमि पिशाचि अमुकार (नाम) • मां अपने बच्चे को अपनी मांग के सिंदूर का तिलक लगाएं तो बच्चा मां https://vashikaran81234.blogunteer.com/33584407/mahakal-things-to-know-before-you-buy